सरेंडर पालिसी पर सवाल खड़ा करती है ‘लोहरदगा’

जागरण संवाददाता, रांची : होटवार में तीन दिवसीय फिल्म समारोह की शुरुआत लोहरदगा फिल्म से होगी। फिल्म की पूरी शूटिंग रांची और लोहरदगा में हुई है। फिल्म नक्सलवाद पर बनी है, जो राज्य सरकार की सरेंडर पॉलिसी को भी कठघरे में खड़ा करती है। फिल्म के निर्देशक लाल विजय शाहदेव ने प्रेस क्लब में जानकारी दी कि यह सत्य घटना पर आधारित फिल्म है। कई बेरोजगार युवा पुलिस में भर्ती होने के लिए पहले नक्सली बनते हैं और फिर पुलिस व दलालों की मदद से नक्सली के सरेंडर करने का ड्रामा रचा जाता है। लेकिन इसके बाद तमगा हासिल करने के लिए पुलिस सरेंडर कराने की बजाय शूट आउट का इरादा कर लेती है। सो, जो पुलिस और आर्मी में जाना चाहते थे, वह युवा पुलिस की गोलियों के निशाने पर आ जाते हैं।

झारखंड के सौ से ज्यादा कलाकारों ने किया है काम

फिल्म में अखिलेंद्र मिश्रा, संजय मिश्रा, विजय राज, रवि, दधि पांडेय के अलावा झारखंड के करीब सौ से अधिक कलाकारों ने काम किया है। शिशिर पंडित, ओम प्रकाश सिंह, अमरनाथ कुमार आदि ने दमदार अभिनय किया है। फिल्म में मुख्य भूमिका विजय के बेटे सर्वदमन ने की है। विजय ने बताया कि फेक सरेंडर कराकर कई संस्था और बड़े अफसर वाहवाही लूटने के प्रयास में सैकड़ों मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगे हैं। यह फिल्म एक मिशन है। ऐसे ही भटके और फंसे हुए युवाओं की जिंदगी को बचाने की एक जद्दोजहद यहां दिखाई गई है। फिल्म में मधु मंसूरी का लोकप्रिय गीत नागपुर कर कोरा को अलग अंदाज में शामिल किया गया है। ¨हदी फिल्म में पहली बार नागपुरी गीत सिगनेचर गीत बनकर आ रहा है। इस मौके पर संगीतकार नंदलाल नायक के अलावा फिल्म से जुड़े कई कलाकार भी मौजूद थे।