लोहरदगा। लोहरदगा की वादियों, झरनों, नदियों और जंगलों को देख कर मन में बस यही ख्याल आता है कि अपने गांव की मिट्टी लंदन-पेरिस से कहां कम है। हम क्यों जाएं परदेश, जब अद्भुत है मेरा देश। अनछुई, ललचाती और मदमस्त यहां की हसीन वादियां अब फिल्म जगत को भी आकर्षित करने लगी है।
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