नक्सल नहीं, झारखंड की खूबसूरती हमारी पहचान बने यही बताती है फिल्म लोहरदगा

झारखंड को देश के दूसरे प्रदेशों में ज्यादातर नक्सल और मेंटल असाइलम्स के लिए जाना जाता है। लेकिन यह प्रदेश इन्हीं…

झारखंड को देश के दूसरे प्रदेशों में ज्यादातर नक्सल और मेंटल असाइलम्स के लिए जाना जाता है। लेकिन यह प्रदेश इन्हीं चीजों तक सीमित नहीं है। यहां की खूबसूरती निराली है। यहां के युवा प्रतिभा में किसी से कम नहीं। ये चीजें हमारी पहचान बननी चाहिए। ये बातें दुनिया को पता होनी चाहिए। 2 घंटे की हिंदी फिल्म लोहरदगा यही संदेश देती है। राज्य के ही अलग-अलग लोकेशन्स पर फिल्म की शूटिंग हुई है। लोहरदगा के आस-पास के इलाकों से प्रेरित इस फिल्म में राज्य के करीब 100 कलाकारों ने अभिनय किया है।

बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए फिल्म के डायरेक्टर लाल विजय शाहदेव ने बताया कि 25 मई को शुरू हो रहे झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड्स में स्क्रीन होने वाली पहली फिल्म यही होगी। इस मौके पर फिल्म में अभिनय करने वाले सभी मुख्य कलाकार भी उपस्थित थे।